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हाँ मानती हूं... मुझे एकान्त पसंद है, क्योंकि....

हाँ मानती हूं...
मुझे एकान्त पसंद है,
क्योंकि....

एकान्त नित करता रहता है
अपना स्वरूप अनुसंधान...
और अक्सर दे जाता है
आश्वासन दुःख में...
एकान्त..
ऊर्जा की एक सघन परिधि सा
नित करता है प्रेरित मुझे,
उर्ध्वगामी होने को.....

और प्रशस्त करता है मार्ग
मुक्ति का..
हर्ष विषाद भय से....

हाँ मुझे एकान्त पसंद है,
क्योंकि लालायित हूं मैं
स्थिर हो,
शिव से एकाकार कर
पुष्पों सा विकसित होने को Loneliness and Longing

#aestheticthoughts #poetictoc #worldpoetryday #AT4poems #Yqdidi #एकान्त #इच्छा #विष्णुप्रिया
हाँ मानती हूं...
मुझे एकान्त पसंद है,
क्योंकि....

एकान्त नित करता रहता है
अपना स्वरूप अनुसंधान...
और अक्सर दे जाता है
आश्वासन दुःख में...
एकान्त..
ऊर्जा की एक सघन परिधि सा
नित करता है प्रेरित मुझे,
उर्ध्वगामी होने को.....

और प्रशस्त करता है मार्ग
मुक्ति का..
हर्ष विषाद भय से....

हाँ मुझे एकान्त पसंद है,
क्योंकि लालायित हूं मैं
स्थिर हो,
शिव से एकाकार कर
पुष्पों सा विकसित होने को Loneliness and Longing

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