बातें ख़्वाबों की, ग़र सच हो जाती, तो आज तू मेरा ख़्वाब नहीं, मेरी हकीक़त होती। ग़र क़िस्मत की बाजी, मैं हारा ना होता, तो आज तू मेरी, हाथों की लकीरे होती। बहुत कोशिश की हमने, तुझे अपना बनाने की, ग़र तू ग़ैरों की ना हुई होती, तो आज हमारी बाहों में होती। ख़ैर हम तो बड़े दिलवाले हैं, जाने दिया तुझे हसते हसते, अगर जिद होती तू मेरी, तो आज तू मेरी जिंदगी होती। -Nitesh Prajapati ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1012 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।