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वो कभी कहते ही नहीं, हम तुमसे प्यार करते हैं, म

वो कभी  कहते ही  नहीं, हम तुमसे  प्यार करते हैं,
मेरा कोई इख़्तियार नहीं, फिर भी ऐतबार करते हैं।

है दिल  को ये  विश्वास, आयेंगे  लौटकर  मेरे पास,
बस यही  सोचकर  हम उनके, इंतज़ार में  रहते हैं।

देखकर पारावार शांत, मेरा चित्त भी रहता है शांत,
उठने वाले लहरों को, अपने सीने में दबाये रहते हैं। 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏

💫Collab with रचना का सार..📖

🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों  को रचना का सार..📖 की प्रतियोगिता :- 192 में स्वागत करता है..🙏🙏

💫आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।
वो कभी  कहते ही  नहीं, हम तुमसे  प्यार करते हैं,
मेरा कोई इख़्तियार नहीं, फिर भी ऐतबार करते हैं।

है दिल  को ये  विश्वास, आयेंगे  लौटकर  मेरे पास,
बस यही  सोचकर  हम उनके, इंतज़ार में  रहते हैं।

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उठने वाले लहरों को, अपने सीने में दबाये रहते हैं। 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏

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