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तमाम रात को अपना बना के रक्खा है, हवा ने आग को मोह

तमाम रात को अपना बना के रक्खा है,
हवा ने आग को मोहरा बना के रक्खा है

तुझे भी खेल में घुसने नहीं दिया होगा,
मुझे भी खेल में सिक्का बना के रक्खा है

तुम्हारे प्रश्न के सीधे जवाब कैसे दूँ,
तुम्हीं ने देर से मुर्गा बना के रक्खा है #shayari #ghazal #poem #hindi #kavita #motivational
तमाम रात को अपना बना के रक्खा है,
हवा ने आग को मोहरा बना के रक्खा है

तुझे भी खेल में घुसने नहीं दिया होगा,
मुझे भी खेल में सिक्का बना के रक्खा है

तुम्हारे प्रश्न के सीधे जवाब कैसे दूँ,
तुम्हीं ने देर से मुर्गा बना के रक्खा है #shayari #ghazal #poem #hindi #kavita #motivational