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Autumn बदलों सोच, बदलों भाग्य लेखा कर्म करों, बद

Autumn बदलों सोच, 
बदलों भाग्य लेखा
कर्म करों, 
बदलों भाग्य रेखा।
मानव हो, 
लों मन को जीत।
कौन तुम्हें, 
कर सकता है पराजित।
विश्वास रखो निगाहों में,
निर्भय रहो राहों में।
निर्णय तुम्हारा निर्माण करेगा, 
निश्चय ही महान कार्य करेगा।
बढ़ो आगे बदलों पथ बाधा, ,
जीत का करके पक्का इरादा।

©Narendra kumar
  #autumn
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Narendra kumar

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#autumn #Poetry

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