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भले ही टूट के फलक पे मैं बिखर जाऊं, नहीं मुमकिन है

भले ही टूट के फलक पे मैं बिखर जाऊं,
नहीं मुमकिन है सफर से मैं लौट कर जाऊं...


मेरे अल्फ़ाज़ को पत्थर की लिखावट समझो,
कलम कर देना मेरा सर जो मैं मुकर जाऊं...♥️

©Varun Goyal
  भले ही टूट के फलक पे मैं बिखर जाऊं,
नहीं मुमकिन है सफर से मैं लौट कर जाऊं...


मेरे अल्फ़ाज़ को पत्थर की लिखावट समझो,
कलम कर देना मेरा सर जो मैं मुकर जाऊं...♥️
varungoyal2842

Varun Goyal

Bronze Star
New Creator

भले ही टूट के फलक पे मैं बिखर जाऊं, नहीं मुमकिन है सफर से मैं लौट कर जाऊं... मेरे अल्फ़ाज़ को पत्थर की लिखावट समझो, कलम कर देना मेरा सर जो मैं मुकर जाऊं...♥️ #Quote #Trending #SAD #poem #alfaaz #nojohindi

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