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कुछ बीते लम्हें याद आते हैं, कैसे वो छोटी-छोटी बात

कुछ बीते लम्हें याद आते हैं,
कैसे वो छोटी-छोटी बातों पे रूठ जाती थी 
फिर कुछ प्यार भरी बातें,
और बस थोड़ी सी तारीफ करने पे ही,
वो फिर से मान जाती थी।

कैसे उसे हमेशा ही देर हो जाती थी।
और इसके बाद भी,
वो कैसे नादानी भरे बहाने बनाती थी।

उसकी ये आदतें ही तो,
मेरी खुशियों की वजह थी।
पर अब लगता है,
वो मुलाकात, वो एहसास 
सब बेवजह थीं।

बहुत दिनों से,
किसी का तलबगार नहीं हुआ।
जैसी तिश्नगी उससे थी,
फिर वैसा किसी से प्यार नहीं हुआ। #himanshusecond
कुछ बीते लम्हें याद आते हैं,
कैसे वो छोटी-छोटी बातों पे रूठ जाती थी 
फिर कुछ प्यार भरी बातें,
और बस थोड़ी सी तारीफ करने पे ही,
वो फिर से मान जाती थी।

कैसे उसे हमेशा ही देर हो जाती थी।
और इसके बाद भी,
वो कैसे नादानी भरे बहाने बनाती थी।

उसकी ये आदतें ही तो,
मेरी खुशियों की वजह थी।
पर अब लगता है,
वो मुलाकात, वो एहसास 
सब बेवजह थीं।

बहुत दिनों से,
किसी का तलबगार नहीं हुआ।
जैसी तिश्नगी उससे थी,
फिर वैसा किसी से प्यार नहीं हुआ। #himanshusecond
nojotouser3090601803

अमित

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