कैसे कटेंगे जिंदगी के बचे खुचे दिन इस तरह से क्यो न अब ढूंड ले जीने के आधुनिक तरीके हम नहीं मिला मुक़्क़मल इलाज़ अपने इन पुराने ज़ख्मो के लिए कुछ दिन और न मिला इलाज़ तो ज़ख्म क़ो नासूर बनता हुआ देखेंगे हम आज तक नहीं लगा हाथ वो मेरा जानी दुश्मन दूंढ़ते ढूंढ़ते थक चूके अब तो बुरी तरह से हार गए है हम ©Parasram Arora कैसे कटेंगे......