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तुम आओ जैसे शिशिर के मौसम पर आता है बसंत जैसे ठूं

तुम आओ
जैसे शिशिर के मौसम पर
आता है बसंत

जैसे ठूंठ पर आता है पत्ता
फूल पर आता है रंंग और सुगंध
फल्लियों में आता है रस
महुए में आती है मादकता

तुम आओ
बादल की तरह
और बरस जाओ मुझ पर
प्यार की बारिश बन कर

©Rabindra Prasad Sinha
  #अनपढ़प्रेम