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खुदको ढूंढता रहा, *कभी यहां तो कभी वहां* कोई मिल

खुदको ढूंढता रहा, *कभी यहां तो कभी वहां* 

कोई मिला नहीं, *ना जाने कितने बुरे थे हम*❣️

©Sujeet Sharma
  #परिवार_का_प्यार #रिश्ते_आजकल #बटवारा  gudiya Sakshi Gupta Suman Zaniyan Zarna dayma Author shivam kumar mishra