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कुछ मुलाक़ात रह जाती है याद ख़्वाबों ख़्यालों में

कुछ मुलाक़ात रह जाती है याद 
ख़्वाबों ख़्यालों में आती है 
वो यादें बार-बार
थी उनसे मेरी वो पहली मुलाक़ात 
नज़रें उनसे मिली और 
दिल मेरा खो गया कहीं 

कुछ उनसे कहता 
वो ओझल हो गई थी नज़रों से कहीं 
फिर नज़रें मिली नहीं उनसे कभी 
दिल आज भी ढूँढता है उनको 
तस्वीर उनकी नज़रों में लिए हुए

©Prabhat Kumar
  #प्रभात