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ये यादें भी, कितनी जिद्दी होती हैं ना। चली आती हैं

ये यादें भी, कितनी जिद्दी होती हैं ना। चली आती हैं वक्त बे वक्त
कभी हंसाने तो कभी रुलाने, कभी सताने तो कभी मनाने

गुजरे लम्हात को भले ही खो दिए हमने, पर उसकी तस्वीर नही
वो तो चली आती हैं अक्सर, हमारे करीब में, हमारे मर्म बनकर

©rajeshwari Thakur
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#अतीत