कोरा कागज़ देख कर मन हुआ कुछ लिखने को दिमाग में शब्द बटोर कर तैयार हुआ कुछ रचने को लिखूँ कौन से विषय पर विषय बहुत हैं लिखने को ध्यान करूँ मैं किन शब्दों पर तैयार हैं हर शब्द जुड़ने को वो शब्द आपस में जुड़कर तैयार हैं नया कुछ बुनने को शब्द बिखरे हैं इधर-उधर तैयार है कलम उन्हें चुनने को उन शब्दों को फिर वो चुनकर बेताब है वो कहीं चलने को आगोश में शब्दों को लेकर तैयार है उन्हें बिछाने को कोरा कागज़ देख कर प्रसन्न हुआ वो आने को शब्दों को उतार कर कागज़ पर निश्चिंत हुआ वो रुकने को ....................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कोरा_कागज़ #nojotohindi # Reena Sharma "मंजुलाहृदय" Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" Adv Rakesh Kumar Soni