Nojoto: Largest Storytelling Platform

तेरी मेहरबानी ______ आज-कल बग़ीचे का हर फूल ग़ुलाब

तेरी मेहरबानी
______

आज-कल बग़ीचे का हर फूल ग़ुलाब नज़र आता है वरना 
लोग तो बीज को पनपने से पहले ही रौंद दिया करते हैं

ऐ ख़ुदा ये मेरी नज़रों का धोख़ा है या तेरी मेहरबानी 
जो तूने ख़ुद का हर फूल की ख़ुश्बू में बसेरा बना रखा है

मनीष राज

©Manish Raaj
  #तेरी मेहरबानी
manishraaj9056

Manish Raaj

New Creator
streak icon31

#तेरी मेहरबानी #शायरी

127 Views