Nojoto: Largest Storytelling Platform

# रिसिया पार्क व केला टिश्यूकल्चर | Hindi Video

रिसिया पार्क व केला टिश्यूकल्चर लैब का डीएम ने किया निरीक्षण 
 
बहराइच 21 जनवरी। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने शनिवार को देर शाम राजकीय स्वर्ण जयन्ती पार्क/पौधशाला बभनी, रिसिया का निरीक्षण कर पार्क हेतु प्रस्तावित ओपेन जिम, बच्चों के झूलेे, प्रकाश व्यवस्था हेतु स्ट्रीट लाइट की स्थापना एवं पाथ-वे के लिए चिन्हित स्थल तथा पौधशाला में स्थाापित केला टिश्यूकल्चर लैब का अवलोकन करते हुए मौके पर मौजूद जिला उद्यान अधिकारी दिनेश चौधरी व प्रभारी आर.के. वर्मा से आवश्यक जानकारी प्राप्त की। केला टिश्यूकल्चर लैब के निरीक्षण के दौरान डीएम ने निर्देश दिया कि वित्तीय वर्ष हेतु निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप 01 लाख पौध को समय से तैयार किया जाय। जिससे केला उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश के अग्रणी जनपद बहराइच के किसान अपनी उपज को और बढ़ा सके। 
जिला उद्यान अधिकारी श्री चौधरी ने जनपद में केला उत्पादन की अपार संभावना को देखते हुए बताया कि केला टिश्यूकल्चर लैब की स्थापना नीति आयोग द्वारा की गयी है, उद्यान विभाग के मुख्यालय को छोड़कर प्रदेश में कही भी टिश्यूकल्चर लैब स्थापित नही है। जनपद बहराइच में प्रदेश में प्रथम बार केला टिश्यूकल्चर लैब की स्थापना कर पौधों का उत्पादन किया जा रहा है जिससे जनपद के किसानों को रोग-रहित केला टिश्यूकल्चर पौधें उपलब्ध होने से उनकी आय में बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने बताया कि जनपद में वर्तमान में 7.00 से 8.00 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में केले की खेती हो रही है। प्रतिवर्ष लगभग जनपद में 20.00 से 25.00 लाख पौधों की मांग होती है, जिसे धीरे-धीरे प्रयोगशाला की क्षमता बढ़ाकर आगामी वर्षाे में स्थाानीय स्तर पर पूरा करने का प्रयास किया जायेगा।
ravendra1662

Ravendra

New Creator
streak icon2

रिसिया पार्क व केला टिश्यूकल्चर लैब का डीएम ने किया निरीक्षण बहराइच 21 जनवरी। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने शनिवार को देर शाम राजकीय स्वर्ण जयन्ती पार्क/पौधशाला बभनी, रिसिया का निरीक्षण कर पार्क हेतु प्रस्तावित ओपेन जिम, बच्चों के झूलेे, प्रकाश व्यवस्था हेतु स्ट्रीट लाइट की स्थापना एवं पाथ-वे के लिए चिन्हित स्थल तथा पौधशाला में स्थाापित केला टिश्यूकल्चर लैब का अवलोकन करते हुए मौके पर मौजूद जिला उद्यान अधिकारी दिनेश चौधरी व प्रभारी आर.के. वर्मा से आवश्यक जानकारी प्राप्त की। केला टिश्यूकल्चर लैब के निरीक्षण के दौरान डीएम ने निर्देश दिया कि वित्तीय वर्ष हेतु निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप 01 लाख पौध को समय से तैयार किया जाय। जिससे केला उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश के अग्रणी जनपद बहराइच के किसान अपनी उपज को और बढ़ा सके। जिला उद्यान अधिकारी श्री चौधरी ने जनपद में केला उत्पादन की अपार संभावना को देखते हुए बताया कि केला टिश्यूकल्चर लैब की स्थापना नीति आयोग द्वारा की गयी है, उद्यान विभाग के मुख्यालय को छोड़कर प्रदेश में कही भी टिश्यूकल्चर लैब स्थापित नही है। जनपद बहराइच में प्रदेश में प्रथम बार केला टिश्यूकल्चर लैब की स्थापना कर पौधों का उत्पादन किया जा रहा है जिससे जनपद के किसानों को रोग-रहित केला टिश्यूकल्चर पौधें उपलब्ध होने से उनकी आय में बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने बताया कि जनपद में वर्तमान में 7.00 से 8.00 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में केले की खेती हो रही है। प्रतिवर्ष लगभग जनपद में 20.00 से 25.00 लाख पौधों की मांग होती है, जिसे धीरे-धीरे प्रयोगशाला की क्षमता बढ़ाकर आगामी वर्षाे में स्थाानीय स्तर पर पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। #न्यूज़

27 Views