आरज़ू है तुझसे फिर मुलाक़ात हो वही वक़्त हो फिर वही जज़्बात हो वो पल जिस में ज़िन्दगी छोड़ आये उस पल की फिर से नई शुरुआत हो आने वाले कल की ख़बर किस को है गए वक़्त की ही चलो कोई बात हो बातें थीं बस हवा के साथ हवा हो गईं अब के लफ्ज़ नहीं आँखों से बात हो हर्फ़ दर हर्फ़ उतारा है तुझे ज़िन्दगी में मेरी ज़िन्दगी की तुम एक किताब हो एक बार फिर