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गांव के बड़े बुजुर्गो का सम्मान करना खो चुके हैं,

गांव के बड़े बुजुर्गो का सम्मान करना खो  चुके हैं,
हम अपने ही हाथों अपनी इज्जत शर्म धो चुके हैं।

कोई  करता है  क्या  भोर पे  बड़ो  को नमस्कार,
हकीकत हैं हम अपनी  सभ्यता कही खो चुके हैं।

शिव "बेगाना"
9:56 pm
22/07/22

©Shiv Kushwaha begana
  khubsurat Mamta kumari Ritika Tiwari  Eisha mahi  विकास शाक्य