बड़े जोरो से चल रहा है पिंजरे बनाने का कारोबार अफसोस! लोगो को कैद परिंदे बहोत अच्छे लगने लगे हे गुलामी का दौर तो कब का गुजर गया हे लेकीन गुलाम गीरी वाले स्वभाव तुम्हे बहोत अच्छे लगने लगे हे खवाइशे तेरी खतम न होगी बस जिंदगी खत्म होंगी चंद दिन के तख्तोताज अब तुझे सच्चे लगने लगे हे ©Vijay Gohel Saahil #raindrops