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ग़ज़ल ( नौबहार ) तेरा ज़िन्दगी में आना हुआ ,किसी ग

 ग़ज़ल ( नौबहार ) 

तेरा ज़िन्दगी में आना हुआ ,किसी गुलज़ार की तरह,
मुझे  इश्क़  हुआ जब तुमसे ,दिल-ए-इस्रार की तरह,

ख़ुशी ने कुछ ऐसे दी दस्तक ,मिरे ज़ीस्त-ए-सफ़ऱ में,
कि  अगर  खार  भी  आई  तो , नौबहार   की   तरह,

यूँ  तो  तन्हा   भी   ज़िन्दगी  अपनी ,गुज़ार लेते हम,
पर  तु  आकर   मुस्कुरा   उठा , इफ्तिखार की तरह,

अनजान थे इससे कि चाहत का ये अंजाम भी होगा,
इस  दिल में  इश्क़  उभरेगा  ,किसी  अंगार की तरह,

मोहब्बत ऐसी शय है जिसमें, ना है परवाह  जहां की,
बस लगा लो सीने से इसको,किसी अहसास की तरह,

तुझे पाकर ही जाना है , कि मोहब्बत रब का नाम है,
ये  तो  बस  जाती   है    नज़र    में , निगार की तरह,

ख़ुदाया इश्क़ को अपनी इनायतों की पनाह में रखना,
दुनिया को कर देगा रोशन ,किसीआफ़ताब की तरह।।

-पूनम आत्रेय

©poonam atrey
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#वेलेंटाइन 
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