मैंने तुम्हारे नाम पर एक ग़ज़ल है लिखी। तेरी भोली सूरत के सिवा मेरी आंखों में कोई और सूरत ना टिकी। जो बनाई थी मैंने तस्वीर तुम्हारी वो लाखों में है बिकी। मैंने तुम्हारे नाम पर एक ग़ज़ल है लिखी। ©inder Dhaliwal मैंने तुम्हारे नाम पर।