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मेरे कंधे को अपने सीने से तेरा छूना, और मेरे रग रग

मेरे कंधे को अपने सीने से तेरा छूना,
और मेरे रग रग में जैसे लावा का बह जाना,
मेरे तन बदन का दहन करने को,
कब से समेटे बैठी हो अपने सीने ये अंगारे,
मैं भी जलता हूं सुलगता हूं हर पल,
जब तेरी कमी महसूस होती है,
मैं भी अपने सीने में कुछ अरमान समेटे बैठा हूं,
हां मैं तेरी तरह ही तुझको प्यार करता हूं।

©Harvinder Ahuja
  #स्पर्श  Sakshi Gupta Anshu writer Duggu Thakur Dhyaan mira Writer Aayna Official