'ये तितली भी है तुझ जैसी' ये तितली भी है तुझ जैसी तुरत आई, फुरत चल दी तेरा ये आके जाना भी फूल को चुभ सा जाता है चुभन मीठी सी है किन्तु हुआ ये शुभ सा जाता है सुबह भी शुभ, शाम भी शुभ रात आई, फूल है चुप इसी चुप्पी को लेकर के फूल उलझा सा जाता है के तितली उड़ती रहती है फूल मुरझा सा जाता है फूल हिन्दू सा है मन से जनम ये लेता जायेगा के तितली आये और बैठे पलक फिर- फिर बिछाएगा के तितली फिर रही होगी फूल उसको रिझाएग वो अपनी गन्ध सौंपेगा परागों को बिछाएगा परागों की पकड़ ऐसी के तितली बहके जाएगी मगर तितली तो है तितली उड़ी वो फिर भी जाएगी उड़न वो फिर से मारेगी फूल को फिर से तारेगी फूल जो हिन्दू है अब भी जनम लेगा ये मर के भी मगर तितली भी तुझ जैसी तुरत आई, फुरत चल दी। #NaveenMahajan ये तितली भी है तुझ जैसी #NaveenMahajan #TumBinIshqNahi