प्रेम आत्मा का अनुराग ~~~~~~~~~~~~~~~ प्रेम की परिभाषा मैं नहीं जानता! पर जब मैं देखता हूँ कृष्ण और मीरा को राधा और कृष्ण को महसूस कर लेता हूँ प्रेम के भाव को! प्रेम महसूस करवाता है आत्मा के अनुराग को प्रीतम परमात्मा को! जिससे प्रेम होता है जिस्म उसका बाना होता है भावों से बुना उसका धागा होता है पिंदाई जिसकी विश्वास के चरखे से होती है आलिंगन जिसका आत्मा करती है जहाँ जिस्म का भाव चला जाता है वहाँ आत्मा से आत्मा का मेल होता है और प्रेम से सुरभित श्वाँस अंदर से बाहर निकल रही होती है, फिर बाहर कुछ नहीं होता है सब कुछ अंदर ही अंदर का होता है। #प्रेम #restzone #rztask449 #rzलेखकसमूह #yqdidi #glal