"गुमनाम सा मेरी जिंदगी , कोई टटोलता नहीं.... थम सा गया है धरती , पते डोलता नहीं.... खामोश सा शहर, और गुप्तगु कि आरज़ू.... हम किससे करें बात, कोई बोलता नहीं!!" 💔 ✍️दास्ताँ _ए _अमित ✍️ ©Amit Pandey कोई बोलता नहीं!! #poem #pod #Poet