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मैं उलझनों में उलझी एक‌ दिवानी हूं, आज का पता न कल

मैं उलझनों में उलझी एक‌ दिवानी हूं,
आज का पता न कल का,
 पर मैं खुशी की झलक से मिलने वाली हूं।
दुखों में खुशी मैं जल्द ही ढूंढ लेती,
अपनों का प्यार पाने मैं कुछ भी कर लेती।
पैसे की प्यास नहीं, प्रेम मुझे चाहिए,
अगर अपने पास न हो, तो मुझे खुशी नहीं चाहिए।
उदास हूं क्योंकि अपने मेरे अपने नहीं रहे,
पर थोड़ी उम्मीद मन में जगानी चाहिए,
दो लोगों का परिवार मुझे नहीं चाहिए,
परिवार तो मुझे बड़ा ही चाहिए।
बातें पसंद है,पर बुराई नहीं,
प्रेम पसंद है,पर लडाई नहीं।
अब कुछ नहीं,बस मुझे मेरे अपने ,
अपने पास चाहिए।।

©Kirti Sharma
  अपनों का प्यार जीवन क्या महत्व रखता है,
यह वही समझ सकता है ,
जिसे अपनों का प्यार न मिला हो।
kirtisharma7455

Kirti Sharma

New Creator

अपनों का प्यार जीवन क्या महत्व रखता है, यह वही समझ सकता है , जिसे अपनों का प्यार न मिला हो। #Poetry

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