धुन:- यूँ ही तुम मुझसे बात करती हो आज देखा तुम्हें बहाने से । दिल खिसक बैठा है ठिकाने से ।।१ प्यार फूले फलेगा तब अपना मान जाया करो मनाने से ।।२ चोट गहरी लगी सुनों दिल को । भूल पाऊँ न दिल मिलाने से ।।३ देख आकर तू मेरे घर पर तो । दिल बिछा दूँगा तेरे आने से ।।४ तुम जो होती अगर ग़ज़ल कोई । बाज आते न गुनगुनाने से ।।५ जब भी मौक़ा कहीं दिखा उनको । बाज़ आये न हक़ जताने से ।।६ छोड़कर जो चले गये तुमको । लौट आते वो धन लुटाने से ।।७ किस तरह हाल हो गया तेरा । बस हकीकत से मुँह चुराने से ।।८ भूल कर ली प्रखर वफ़ा करके । सीख लेता तू कुछ ज़माने से ।।९ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR धुन:- यूँ ही तुम मुझसे बात करती हो आज देखा तुम्हें बहाने से । दिल खिसक बैठा है ठिकाने से ।।१ प्यार फूले फलेगा तब अपना मान जाया करो मनाने से ।।२