मैंने बांध लिया है , तुमसे जीवन का डोर, है मर्जी तुम्हारी भगवन ,ले जाओ जिस ओर। जिसका न साथी कोई ,उसके भी साथ हो, जिसका न नाथ कोई ,उसके भी नाथ हो। मेरे सब कुछ तुम हो, नाथ तुम्हीं हो मोर। मैंने बांध लिया है, तुमसे जीवन का डोर। ©नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।) # मैंने बांध लिया है....।