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तस्वीरों को देखा है मैंने रंग बदलते हुए, इं

तस्वीरों  को  देखा  है  मैंने  रंग  बदलते हुए, 
इंसानों  को  फितरत  और  ढंग बदलते हुए! 

खाई थी कसम  मेरे  दिल  पर हाथ रखते हुए, 
तोड़ गए वादा, रुसवा किया, संग बदलते हुए! 

इश्क़ मेरे लिए है इबादत, वो खेल समझता है, 
डोर पाने की चाहत में देखा पतंग बदलते हुए! 

तुम बिन, दीवारों से मिलकर रोते है अकेले में, 
करते है कोशिश सोने की, पलंग बदलते हुए! 

हर ग़ज़ल में तू दिखाई दे, हर नज़्म में सुनाई, 
करता है याद 'कुमार' साज़-ओ-तरंग बदलते हुए! 
 एक ग़ज़ल दर्द, ग़म, रुसवाई के नाम आप सबकी नज़र.. 

कुछ साल पहले लिखे एक she'r को एक ग़ज़ल के रूप में लिखने की कोशिश की है.. सभी गुणीजनों, ग़ज़ल के जानकारों का सानिध्य मिले इस कोशिश को यही कामना है 

#Kumaarsthought #kumaarsher #कुमारग़ज़ल 
#पलंग #पतंग 

काफिया - रंग, ढंग, संग, पतंग, पलंग, तरंग
तस्वीरों  को  देखा  है  मैंने  रंग  बदलते हुए, 
इंसानों  को  फितरत  और  ढंग बदलते हुए! 

खाई थी कसम  मेरे  दिल  पर हाथ रखते हुए, 
तोड़ गए वादा, रुसवा किया, संग बदलते हुए! 

इश्क़ मेरे लिए है इबादत, वो खेल समझता है, 
डोर पाने की चाहत में देखा पतंग बदलते हुए! 

तुम बिन, दीवारों से मिलकर रोते है अकेले में, 
करते है कोशिश सोने की, पलंग बदलते हुए! 

हर ग़ज़ल में तू दिखाई दे, हर नज़्म में सुनाई, 
करता है याद 'कुमार' साज़-ओ-तरंग बदलते हुए! 
 एक ग़ज़ल दर्द, ग़म, रुसवाई के नाम आप सबकी नज़र.. 

कुछ साल पहले लिखे एक she'r को एक ग़ज़ल के रूप में लिखने की कोशिश की है.. सभी गुणीजनों, ग़ज़ल के जानकारों का सानिध्य मिले इस कोशिश को यही कामना है 

#Kumaarsthought #kumaarsher #कुमारग़ज़ल 
#पलंग #पतंग 

काफिया - रंग, ढंग, संग, पतंग, पलंग, तरंग

एक ग़ज़ल दर्द, ग़म, रुसवाई के नाम आप सबकी नज़र.. कुछ साल पहले लिखे एक she'r को एक ग़ज़ल के रूप में लिखने की कोशिश की है.. सभी गुणीजनों, ग़ज़ल के जानकारों का सानिध्य मिले इस कोशिश को यही कामना है #Kumaarsthought #kumaarsher #कुमारग़ज़ल #पलंग #पतंग काफिया - रंग, ढंग, संग, पतंग, पलंग, तरंग