मिली ना तु कभी भी, किस्मत के मारे को। तुमने तो भुला दिया है, उस पागल आवारे को। बेशक बन ना सकी कभी, उस की, तू सरेआम। तेरे लिए मर गया वह, हो गया बदनाम। @©® सरबजीत संगरूरवी ©Sarbjit sangrurvi मिली ना तु कभी भी, किस्मत के मारे को। तुमने तो भुला दिया है, उस पागल आवारे को। बेशक बन ना सकी कभी, उस की, तू सरेआम। तेरे लिए मर गया वह, हो गया बदनाम।