ये तपती जमीं.. ये जलता गगन, ये घूप में झुलसा हुआ बदन..! पहले घर तुमको पहुंचा दें... तब जाकर..उतरेगी ये थकन..!! -------अमित बिहार के लिए ट्रेन रवाना करने की तैयारी