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ये तपती जमीं.. ये जलता गगन, ये घूप में

ये तपती जमीं.. ये जलता गगन,
            ये घूप में झुलसा हुआ बदन..!
पहले घर तुमको पहुंचा दें...
             तब जाकर..उतरेगी ये थकन..!!


         -------अमित बिहार के लिए ट्रेन रवाना करने की तैयारी
ये तपती जमीं.. ये जलता गगन,
            ये घूप में झुलसा हुआ बदन..!
पहले घर तुमको पहुंचा दें...
             तब जाकर..उतरेगी ये थकन..!!


         -------अमित बिहार के लिए ट्रेन रवाना करने की तैयारी
amitkumar3832

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