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छोड़ा साथ जवानी ने बुढ़ापे ने हाथ थामा है कभी लड

छोड़ा  साथ जवानी ने बुढ़ापे ने हाथ थामा है
 कभी लड़खड़ा कर तो कभी संभल के चलता है
 ऐसे में मुझे मेरा बचपन बहुत याद आता है
 तब भी दांत नहीं थे मेरे अब भी नहीं है

©शीतल चौधरी
  #saath #nojato #Hindi #in #poem #sheetalchoudhary  डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313) राजु दुबे अभिलाष द्विवेदी (अकेला) रविन्द्र 'गुल' ek shayar Rajkumar Mehto  Anshu writer Rajesh Arora ਗੁਰਪ੍ਰੀਤ ਸਿਵੀਆ ( gurpreet Sivia ) VOICE of NEW INDIA sing with gayatri