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तुम्हे लिखा मैने अपनी रूह की दीवारों पर एहसासों की

तुम्हे लिखा मैने अपनी रूह की
दीवारों पर
एहसासों की स्याही से तुम्हे सजाया है
जज्बातों की नदी उफान पर है
फिर भी कतरा कतरा तुम्हे हमने पाया है
हर लम्हा तेरे ख्यालों में सिमटी हुई सी
तेरे एहसासों से लिपटी हुई
हर लम्हा तुम्हे जिया है
ख्वाहिशों के धागे से मिलन के ख्वाबों को सीया है
जहां जहां जिस जगह तुम रहे मौजूद
पाया हमने अपना वहां वहा अपना वजूद
चाहत के हर राह हर गलियारों में
साथ तेरा चाहे
जिंदगी के सफर की मंजिल हो एक
एक ही राहें
जिस ठौर तुम ठहरे
सजे वही मेरी महफिलें
वही खुशियों के है डेरे

©kavya soni
  #वेलेंटाइन