विरासत में ना हो मगर चाहिए था मुझे आसमाँ पे भी घर चाहिए था कहाँ तक मसाफ़त ये ज़िद्दी रहेगी ज़मीं को ज़मीं पे सिफ़र चाहिए था रटाओगे कितना सियाही को मिसरे कलम में भी होना हुनर चाहिए था सुना है कि मौजों में ताकत नहीं है हवाओं की तह में जिगर चाहिए था मेरी मन्ज़िलें क़ीमती मिल्कियत थीं क्यूँ नीलामियों को सफ़र चाहिए था मुझे तोड़ने वाले ख्वाबों के 'क़ासिद' इरादों में थोड़ा असर चाहिए था तीसरा शे'र हमारे कॉपी-पेस्ट वाले भाइयों एवं बहनों को समर्पित मसाफ़त - Journey - सफ़र सिफ़र -Zero - शून्य मिल्कियत - Property - सम्पदा