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चलो प्रिय हम संग संग चलें, झील के उस पार, पंचवटी

चलो  प्रिय हम  संग संग चलें, झील के उस पार,
पंचवटी समान बसायेंगे, अपने सपनों का संसार।

सिर्फ हम दोनों हों  और संग प्रकृति  का नज़ारा,
पर्वतों से धिरे  अरण्य मध्य, हो  घर-द्वार  हमारा। 🌝प्रतियोगिता- 25 🌝
✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌷"झील के उस पार "🌹

🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
चलो  प्रिय हम  संग संग चलें, झील के उस पार,
पंचवटी समान बसायेंगे, अपने सपनों का संसार।

सिर्फ हम दोनों हों  और संग प्रकृति  का नज़ारा,
पर्वतों से धिरे  अरण्य मध्य, हो  घर-द्वार  हमारा। 🌝प्रतियोगिता- 25 🌝
✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

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