लब खामोश आँखे कुछ बया करती हैं,, ये दिल कि बातें दिल ही जानतीं हैं,, ना मैं कुछ कहा नहीं कुछ सुना उसकी दिल ने मेरे दिल से कुछ कहा,, ये तो सिर्फ मेरा दिल ही जानता हैं,, मैं देख के उसे कहा होश में रह पता हूँ,, मैं खामोश रहता हूँ और दिल कि बाते हो जाती हैं, ये दिल कि राज राज ही रह जाती हैं,, अंसारी दिल कि बातें दिल ही जानतीं हैं,,