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जल के ऊपर मुश्कुराता देवताओं का आसन हूँ जल की मैं

जल के ऊपर मुश्कुराता
देवताओं का आसन हूँ
जल की मैं शोभा बढ़ाता
तालाब का मधुबन हूँ

मैं फंसा कीचड़ में
फिर भी मुझे आनंद है
सब के दिल को मैं लुभाता
सबके दिल की धड़कन हूँ

©Sunil Kumar Maurya Bekhud
  #कमल