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ब्रह्मांड थम सा जाता होगा ; मेरी कविताओं के अल्प

ब्रह्मांड थम सा 
जाता होगा ;
मेरी कविताओं के 
अल्पविराम 
का तुम्हारी 
आत्मा के स्पर्श से ।।
जमीं का अंतर्मन
भी सिहर जाता 
होगा , जब तुम
मेरे शब्दों के विक्षेद को 
उच्चारित करते होगे ।।
- Anjali Rai 
(शेष अनुशीर्षक में ....) मैं अक्सर सोचती हूं 
कि कितने भाव बदलते 
होंगे इस ब्रह्मांड के....?
जब भी तुम मुझे पढ़ते होगे ;
शब्दशः बसंत खिल आता 
होगा ना जब मुस्कुराते होगे ।।
मेरे अंतर्मन के पन्नों में रखा
मुरझाया  गुल भी खिल
ब्रह्मांड थम सा 
जाता होगा ;
मेरी कविताओं के 
अल्पविराम 
का तुम्हारी 
आत्मा के स्पर्श से ।।
जमीं का अंतर्मन
भी सिहर जाता 
होगा , जब तुम
मेरे शब्दों के विक्षेद को 
उच्चारित करते होगे ।।
- Anjali Rai 
(शेष अनुशीर्षक में ....) मैं अक्सर सोचती हूं 
कि कितने भाव बदलते 
होंगे इस ब्रह्मांड के....?
जब भी तुम मुझे पढ़ते होगे ;
शब्दशः बसंत खिल आता 
होगा ना जब मुस्कुराते होगे ।।
मेरे अंतर्मन के पन्नों में रखा
मुरझाया  गुल भी खिल

मैं अक्सर सोचती हूं कि कितने भाव बदलते होंगे इस ब्रह्मांड के....? जब भी तुम मुझे पढ़ते होगे ; शब्दशः बसंत खिल आता होगा ना जब मुस्कुराते होगे ।। मेरे अंतर्मन के पन्नों में रखा मुरझाया गुल भी खिल #प्रेम #जीवन #yqbaba #yqdidi #paidstory #yqastheticthoughts #अशेष_शून्य #hinidpoetry