जिंदगी के खेल अब तक तुमने हंस हंस कर खेले है वो दिन दूर नही ज़ब तुम्हे अपना खेल रो रो कर खेलना पड़ेगा कुछ पता नही ये जिंदगी तुम्हे कब अकेला छोड़ दें एक दिन तुम्हे उसकी बेवफाई कों झेलना ही पड़ेगा दिल में ज़ो हौसला है उसे संभाल कर रखना आने वाले तूफाँ में इस हौसले कों तुम्हे आज़माना पड़ेगा भले ही अभी ये दुनिया अच्छी न लगती हो तुम्हे पर एक दिन तो तुम्हे इसकी अहमियत कों समझना पड़ेगा. ©Parasram Arora जिंदगी.. एक खेल