आदर है आपका तो देश नहीं विश्व में भी मेरा भी प्रणाम आप स्वीकार तो कीजिये। आम जनता से जो सुझाव माँगते हैं आप मेरा दिया हुआ ये सुझाव मान लीजिये। सुदृढ़ हो अर्थतंत्र मोदीजी मानो ये मंत्र अनुमति मेरी इस बात को तो दीजिये। बैंकों का विलय नहीं खातों का विलय हो जी अंबानी के खाते से विलय मेरा कीजिये। ✍️अवधेश कनौजिया© #poem #Poet #Poetry #Politics आदर है आपका तो देश नहीं विश्व में भी मेरा भी प्रणाम आप स्वीकार तो कीजिये। आम जनता से जो सुझाव माँगते हैं आप मेरा दिया हुआ ये सुझाव मान लीजिये। सुदृढ़ हो अर्थतंत्र मोदीजी मानो ये मंत्र अनुमति मेरी इस बात को तो दीजिये।