पश्मीने पैरहन में चांदनी उतरी ख्वाब रेशम से सम्हाले न संभले अहसास रूखे हो चले थे खद्दर सी खुरदराहट बिछी थी तसरीफ भी रखते तो कहां रखते प्रीति. #रेशम#yqdidi