Find the Best रेशम Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutउनकी मोहब्बत रेशम का जाल है, रेशमिया के गाने डीजे में, इसे समझो ना रेशम का, हिमेश रेशमिया के गाना, हिमेश रेशमी के गाने,
Seema Rai
राखी ये वो धागा हैं जिसकी डोर सबसे मजबूत होती हैं एक भाई , जो छोटा हो या बड़ा बहन हमेशा उसके साथ मेहफ़ूज़ रहती हैं ©Seema Rai #Rakhi #रेशम की डोर राखी
Vishal Vaid
एहसास तेरे सारे मैं सुन लेता हूं तड़प उठती है, ग़ज़ल बुन लेता हुँ बेज़ुबानों की ज़ुबान समझता हूं फूल छोड़ कर कांटे चुन लेता हूं अर्श पे जा कर गुमां नही करता मिट्टी बुलाती है तो सुन लेता हूं तासीर में मेरी हुनर ही बहुत है नीम के पत्तो से रेशम बुन लेता हूं ग़ालिब,मीर की शायरी है सागर जैसी डूबता हूँ तो कुछ मोती चुन लेता हूं मां के गुस्से में प्यार पहचानता हूं वो जब डांटती है तो सुन लेता हूँ #yqdidi #bestyqhindiquotes #ग़ज़ल #life #रेशम #writersofinstagram #hindipoetry #vishalvaid
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read moreRamkishor Azad
जिनके चेहरे पर जुल्फों का घेरा है, जो उनका रूप ही खूब सुनहरा है! आंखों में उनके जो काला सुरमा है, बोलने से उनके बरसे प्यार की वाणी है!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #उनकी #जुल्फें #रेशम सी #बिखरी हैं #R #शायरी #लव_फीलिंग #मोहब्बत_गूंजेगी #Shorts
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read moreस्मृति.... Monika
नारायण ने भी रेशमी धागे के खातिर बढ़ा दिया था द्रौपदी की साड़ी का चीर भाई की कलाई का श्रृंगार है यह धागा बहन-हीन भाई समझता स्वयं को अभागा || श्रावण मास का अनुपम यह त्योहार बड़ा अनूठा है भाई -बहन का प्यार रक्तसंबन्धों से परे मन का यह नाता है रेशम की डोर से इस रिश्ते को बाँधा जाता है || HAPPY RAKSHA BANDHAN @स्मृति..... मोनिका ✍️ #rakshabandhan #रेशम की डोर
#rakshabandhan #रेशम की डोर
read moreshayar_dillwala
तेरी रेशम सी जुल्फे हवा से बातें कर रही थीं। झुकी हुई नजर तेरी हया का इजहार कर रही थीं। तुम्हे सीढ़ियों से उतरता देख ऐसा लग रहा था, जैसे जन्नत की हूर कोई फलक से उतर रही थी। तेरी #रेशम सी #जुल्फे हवा से बातें कर रही थीं। झुकी हुई #नजर तेरी #हया का इजहार कर रही थीं। तुम्हे सीढ़ियों से उतरता देख ऐसा लग रहा था, जैसे जन्नत की #हूर कोई फलक से उतर रही थी।
Shashikant Kendre
इंसान_अपने_अकेलेपन_से_निजात_पाने_के_लिए मुहब्बत करता है और मुहब्बत इस बात की तस्दीक करती है कि उसका अकेलापन अब ताउम्र कायम रहेगा. अमृता_प्रीतम...~~❤️~~ मेरा_दिल_शहतूत_का_पत्ता, तेरा इश्क रेशम का कीड़ा, सुबह शाम पत्ते को खाता और नरम रेशम बुनता #इंसान_अपने_अकेलेपन_से_निजात_पाने_के_लिए मुहब्बत करता है और मुहब्बत इस बात की तस्दीक करती है कि उसका अकेलापन अब ताउम्र कायम रहेगा. #अमृता_प्रीतम...~~❤️~~HBD #मेरा_दिल_शहतूत_का_पत्ता, तेरा इश्क रेशम का कीड़ा, सुबह शाम पत्ते को खाता और नरम रेशम बुनता
#इंसान_अपने_अकेलेपन_से_निजात_पाने_के_लिए मुहब्बत करता है और मुहब्बत इस बात की तस्दीक करती है कि उसका अकेलापन अब ताउम्र कायम रहेगा. #अमृता_प्रीतम...~~❤️~~HBD #मेरा_दिल_शहतूत_का_पत्ता, तेरा इश्क रेशम का कीड़ा, सुबह शाम पत्ते को खाता और नरम रेशम बुनता
read moreSatish Kumar Meena
जब बहिन भाई को राखी पर, रेशम का धागा बांधती हैं। एक वचन जो अनमोल रत्न,, बस ! उसी को तो वो जानती हैं ।। प्रेम का बंधन बडा निराला, भाई-बहन में मिलता है। इसमें न रज, तम का मेल हैं, सत्व प्रबल हो खिलता है।। जो रक्षा- सूत्र कलाई पर, रेशम का धागा होता है। भाई हृदय से माने तो उसे, कभी नहीं वो खोता है।। राखी पर हर बहिन भाई को, रक्षा का कवच मानती है।। एक वचन जो अनमोल रत्न,, बस ! उसी को तो वो जानती हैं।। भाई -फर्ज वो भी हैं निभाते, जो मातृभूमि के प्रहरी हैं। तन से तो फौलादी है पर,, मन में पीड़ा गहरी है।। राखी के रंग अनेक हैं, पर अर्थ तो उनका एक है। जब बहिन मांगे रक्षा दान,, करता अर्पण, नेक हैं।। हिन्दुत्व ही नहीं,हर धर्म-जात ! राखी का ममत्व पहचानती है। एक वचन जो अनमोल रत्न,, बस ! उसी को तो वो जानती हैं।। रक्षाबंधन:बहिन का कवच
रक्षाबंधन:बहिन का कवच
read moreMuawiya Zafar Ghazali Mustafai
“अल्लाह ने एक ख़ास किस्म की तितली पैदा फरमाई है उसके अंडो से रेशम के कीड़े निकलते है ये दरखतो के हरे भरे पत्तो को खाते रहते है और उनके मुंह से रेशम का बारीक और कीमती तार निकलता रहता है जिसे वह अपने बदन पर लपटेते रहते है फिर उसके तार गर्म पानी में डालते है और उसके रेशो से धागा तय्यार करके रेशम के कीमती और टोपी तय्यार करते है जो बाज़ार में भारी कीमत में बिकते है आखिर इस नन्हे से कीड़े में उम्दा रेशम तय्यार करने की सलाहियत बेशक ये अल्लाह की कुदरत है” [हवाला•अल्लाह की कुदरत] #फ़कीर मुआविया जफर गजाली रज़वी #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì
Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì
read moreRajesh Raana
रेशम ये जो रेशम की महीन , संगमरमरी डोर है न , ये किसी की साँसों की घुटन से बुना तानाबाना है , ये जो झक सफ़ाक़ सा महीन तानाबाना है न , ये बुनकर की सांसो की माला है , याद रहे , एक-एक साँस को लपेटा है कफ़न की तरह , बदलने खुद के वजूद को, फ़ना होना पड़ता है , कुछ यूं ही है जिंदगी का फ़लसफ़ा । #रेशम ये जो रेशम की #महीन , #संगमरमरी #डोर है न , ये किसी की #साँसों की #घुटन से #बुना #तानाबाना है , ये जो झक #सफ़ाक़ सा महीन #तानाबाना है न , ये #बुनकर की #सांसो