Nojoto: Largest Storytelling Platform

ग़ज़ल :- जश्न अपनी हार का इन महफ़िलों में देख लो । ज़ा

ग़ज़ल :-
जश्न अपनी हार का इन महफ़िलों में देख लो ।
ज़ाम टकराते हुए इन अफ़सरों में देख लो ।।१

चीख कितना यह रहे अधिकार को तेरे लिए ।
अब ठहर कर आप इनकी नीतियों में देख लो ।।२

ये उपासक प्रेम के कितने बड़े है क्या कहूँ ।
आज इनपे आप उठती उँगलियों में देख लो ।।३

लूटकर ये अस्मते खूँ की मनाये होलियाँ ।
बेजुबाँ की बंद अब इन सिसकियों में देख लो ।।४

कौन तुमको था वहाँ सोचों हरा सकता भला ।
आ कभी तू बीच अपने दोस्तों में देख लो ।।५

प्यार के काबिल नही है वह सितमगर भी यहाँ ।
आप उनकी अब गली के आशिकों में देख लो ।।६

नाम तो बदनाम है बस अब तयायफ का प्रखर ।
बिक रही उनकी वफ़ा अब दौलतों में देख लो ।।७
०४/१२/२०२३     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR 

ग़ज़ल :-

जश्न अपनी हार का इन महफ़िलों में देख लो ।

ज़ाम टकराते हुए इन अफ़सरों में देख लो ।।१
ग़ज़ल :-
जश्न अपनी हार का इन महफ़िलों में देख लो ।
ज़ाम टकराते हुए इन अफ़सरों में देख लो ।।१

चीख कितना यह रहे अधिकार को तेरे लिए ।
अब ठहर कर आप इनकी नीतियों में देख लो ।।२

ये उपासक प्रेम के कितने बड़े है क्या कहूँ ।
आज इनपे आप उठती उँगलियों में देख लो ।।३

लूटकर ये अस्मते खूँ की मनाये होलियाँ ।
बेजुबाँ की बंद अब इन सिसकियों में देख लो ।।४

कौन तुमको था वहाँ सोचों हरा सकता भला ।
आ कभी तू बीच अपने दोस्तों में देख लो ।।५

प्यार के काबिल नही है वह सितमगर भी यहाँ ।
आप उनकी अब गली के आशिकों में देख लो ।।६

नाम तो बदनाम है बस अब तयायफ का प्रखर ।
बिक रही उनकी वफ़ा अब दौलतों में देख लो ।।७
०४/१२/२०२३     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR 

ग़ज़ल :-

जश्न अपनी हार का इन महफ़िलों में देख लो ।

ज़ाम टकराते हुए इन अफ़सरों में देख लो ।।१

ग़ज़ल :- जश्न अपनी हार का इन महफ़िलों में देख लो । ज़ाम टकराते हुए इन अफ़सरों में देख लो ।।१ #शायरी