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जिस दिन से मैंने तुझे दोस्त कहा मैं व्यस्त हूं ऐस

जिस दिन से मैंने तुझे दोस्त कहा
 मैं व्यस्त हूं ऐसा कभी ना कहा
 तू देता रहा फुर्सत के लम्हे मुझे 
 मैंने तो हर पल सिर्फ इंतजार करा,
सोचा
 शिकायत करुँ, रूठ जाऊँ कभी,
खफा हो तुझसे,ना बोलूँ कभी,
पर जानती हूँ मेरी जान....
तू दूर होकर भी हर पल मेरा रहा,
तभी तेरा हर सितम मैंने हंसकर सहा
मैं व्यस्त हूँ ऐसा कभी ना कहा।

©Shraddha
  #शिकायत