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उड़ाता है जो मज़ाक सबका जानबूझकर उसकी जिंदगी भी रह

उड़ाता है जो मज़ाक सबका जानबूझकर
उसकी जिंदगी भी रह जाती है बेहुदा मज़ाक बनकर
उतारा है जो दूसरे की इज्ज़त जिस सलीके से
ज़िंदगी भी सज़ा देती है उसे उसी तरीके से
वहम में रहता है अक्सर छुपी रहती है मेरी करतूत
वक्त की चाल पेश करती रहती है सारे सबूत
अब भी पछतावा कभी होता नहीं उसे महसूस
सोचे समझे गुनाहों को खता बता कर रहता है महफूज़ 
बबली भाटी बैसला

©Babli BhatiBaisla
  महफूज़

महफूज़ #शायरी

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