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सुनो अबके जब आओ तो किसी बाग से चुराकर एक जैस्मीन

सुनो अबके जब आओ तो 
किसी बाग से चुराकर एक जैस्मीन ले आना
आकर बैठ जाना पहलु मे मेरे
चुपके मेरे जुड़े मे को जैस्मीन से महकाना
कंधे पर सर रख तुम्हारे मै
सुनाउं तुम्हे अपनी मोहब्बतों वाली
बचकानी शाइरियां
तुम मन ही मन मेरे भावों को समझ 
अनवरत मुस्कुराना

©Neha Mohan 
  #आना