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ईश्क करें या दोस्ती,कौनसी अच्छी बात है..? ईश्क है

ईश्क करें या दोस्ती,कौनसी अच्छी बात है..?
ईश्क है दुरियों वाला,दोस्त के हाथों में ही हाथ है,

बिना तेरे ओ साथी, मैं गम को ओढ़कर सो रहा,
दोस्त तेरी महफ़िल में, सतरंगी मेंरी रात है,

दोस्ती पर आजकल,मोहब्बत का रंग चढ़ रहा,
ईश्क है ईश समान पर, दोस्त ही साथ साथ हैं,

सच्चाईया दोनों में है, पर खोने का डर ईश्क को,
दोस्त तेरे झगड़ने पर भी, कहां बिगड़ती बात है,

दोनों का साथ है मगर, कौन दिल का खास हैं,
प्यार तो एक स्वप्न है, दोस्त ही प्रभात है,

ईश्क करें या दोस्ती कौनसी अच्छी बात है...?

©Aarti Choudhary
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