इज़हार उसका हमेशा हमनें निराला देखा, आँखों से बातूनी थी, जुबान पर ताला देखा! आई जिस रोज मिलने मुझसे छिपते छिपाते, अँधेरा था बाहर घना, नज़रों में उजाला देखा! उसको पसंद नहीं खामी किसी भी जज़्बे में, उसको काम करते बखूबी, लिखते आला देखा! वो दिखती कभी विद्या, कभी करीना, कभी आशा है रंगत उसकी हेमा जैसी, अदाकारी में मधुबाला है! #kumaarsthought #kumaaronlove #kumaarromance #mohabbat #kumaarpoem #आला #yqdidi #yqhindi