Find the Best आला Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutआलाकमान क्या होता है, आलाकमान क्या है, आलाकमान meaning in hindi, आला की नाही, आलाकमान की खबर,
DR. SANJU TRIPATHI
आला दर्जे का तलबगार हूं तुम्हारे प्यार का प्यार भी इश्क भी और मोहब्बत भी तुम ही से है। 💐नमस्कार ! साथियों Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करते है ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाएँ । 💐अपने भाव 2 लाईनों में लिखें .... (2 लाइन्स couplet / मिसरा ऊर्दू शायरी) 💐 Font size छोटा रखें ताकी wall paper ख़राब न हो ।
💐नमस्कार ! साथियों Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करते है ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाएँ । 💐अपने भाव 2 लाईनों में लिखें .... (2 लाइन्स couplet / मिसरा ऊर्दू शायरी) 💐 Font size छोटा रखें ताकी wall paper ख़राब न हो ।
read moreSmita Sapre
#5LinePoetry आला पहले घर में एक आला होता था। जहां छोटा मोटा पर सबको जल्दी मिलने वाला कुछ सामान रखा जाता था। अब हर जगह ड्रावर और कबर्ड होते है। जब से खुले आले की जगह बंद कबर्ड ने ली अक्सर समय पर सामान नही मिलता। जगह और अधिकार तो मिले पर जब भी देखा दिल का आला खाली ही मिला। ©Smita Sapre #आला #5LinePoetry
Meena
पहिल्या पावसात भिजून रोम रोम शहारून आले तुझ्या आठवणीत मन माझे भरुन आले विस्मृतीत गेलेला क्षण थेंबा थेंबात बरसुन आला जुन्या त्या बावर्लेल्या काळास तो सोबत घेऊन आला डोळे मिटून झेलता थेंब माथ्यावरी , स्पर्श जाणला तु आहेस समीप सुन्या सुन्या मनी पहिल्या पावसात ,भाव भावना हरीत जागल्या अमिप सरी सरीत कोसळून वाहल्या, पुन्हा भेटीच्या आशा पैजंणाचा झंकार त्या सुरात सूर मिसळून होकारल्या जश्या .. सरी पावसांत इंद्रधनुषी शाल चढूनी ,दमिनीची झालर ओढून घेतली तशी मी या पावसात प्रेमाची शाल चढूनी, तुझ्या आठवणींची झालर घेतली झेलता थेंब हातात क्षणभर जाणले, थेंब हातात हात देऊनी देतो तुझीच साक्ष पाहता या क्षणात नभी उभरून आली नक्षी, ओंजळीत अंबराच्या सांज ही जणु दिव्य ज्योत
आला चौहान"मुसाफ़िर"
नशे में हूँ, सुरूर नहीं है "अना" में मेरे गुरुर नहीं है तुम बात करो ज़िस्म और रूह की मिट्टी "आला" के दिल से दूर नहीं है नदियां भी है उफ़ान पर आज इतना जान लो के पुर नहीं है चल पड़ा है कारवां-ए-नज़्म का दिल्ली भी कदमों से दूर नहीं है बिठा रक्खा है आका को कंधो पे कौन कहता है वो मज़दूर नहीं है बेचारी झेल रही है बेचारगी तीन तलाक़ उसे भी मंज़ूर नहीं है कोई ठिकाना कभी हासिल न हुआ "आला" के लफ़्ज़ों में जी हुज़ूर नहीं है #अना#गुरुर#नज़्म#तीन_तलाक़#रूह
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