झूठी दुनिया है,स्वार्थ के है सब 'रिश्ते-नाते' कहने को अपने है सब, साथ कोई नही देते कभी कभी 'सच' भी 'झूठ' हो जाता है यारों झूठ के आवरण में 'सच' नज़र ही नही आते दुनिया गोल है, यह अपने मेें ही 'मशगूल' है झूठ की दीवानी है दुनिया,इसी में मशहूर है रचना क्रमांक :- 24 दुनिया झूठ की #kkr2022 #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkrkrishnavijay #kkrदुनियाझूठकी #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़