आना जाना लगा रहेगा। तुम ठहर जाना। करना इंतजार मेरा। तुम्हे जरूर मिलूंगा। किसी मोड़ पर। थोड़ा थक भी जाऊंगा। थोड़ा कमजोर भी हो जाऊंगा। इसी उम्मीद में चलता रहुंगा। तुम कहीं कहीं ना तो। रुकी मिलोगी मेरे लिए। जब आऊंगा करीब तेरे। उस वक्त तुम्हारी आंखो में। मेरे लिए उमड़ा प्यार देख कर। मै फिर से जागृत सा हो जाऊंगा। तुम्हारी मुस्कराहट। संजीवनी सी नजर आयेगी। मेरे लिए तुम्हारी शिद्दत। एक नई सुबह सी लगेगी। एक ऐसा एहसास। मै भी खास हू किसी के लिए। कोई तो है जो घड़ी देखे बिना। मेरा ता उम्र इंतजार करती है। #अनुराज #आना जाना